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राज्य कार्यपालिका

         मंन्त्रिपरिषद् / मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री को मंन्त्रिपरिषद् मुखिया के रूप में मानते हुए संविधान, एक मंन्त्रिपरिषद्  की व्यवस्था करता है।
राज्यपाल, मुख्यमंत्री और उसके मंन्त्रियों की नियुक्ति करता है। सामान्यतः सभी मंत्रियों को राज्य विधानमंडल का सदस्य होना अनिवार्य है, परन्तु कभी कभी एक गैर सदस्य को भी मंत्री नियुक्त किया जा सकता है। उस स्थिति में वह राज्य विधानमंडल का सदस्य रहे बिना 6 माह से अधिक अपने पद पर बना नहीं रह सकता। मंन्त्रिपरिषद् राज्य विधानसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी है
                                राज्य विधायकी

              विधानपरिषद्

विधानपरिषद्, राज्य विधानमंडल कि उच्च सदन होता है। वर्तमान में केवल छः राज्यों ( उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, तथा आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना) में विधानपरिषदें विद्यमान है।
विधानपरिषद् का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 30 वर्ष है।
विधानपरिषद् के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष होता है, किन्तु प्रति दूसरे वर्ष एक तिहाई सदस्य पर नवीन सदस्य अवकाश ग्रहण करते है तथा उनके स्थान पर नवीन सदस्य निर्वाचित हैं।
विधानपरिषद् अपने सदस्यों में से दो को क्रमशः समाप्ति एवं उपसभापति चुनती है।


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