राज्यपाल की शक्तियाँ
विधायकी शक्तियां।
वह विधानमंडल की बैठकों के लिए समय और स्थान को निश्चित करता है और उनका बुलावा भेजता है।
वह वर्ष में एक बार सत्र के आरंभ में विधानमंडल की बैठकों को सम्बोधित करता है।
विधानमंडल द्वारा पारित किसी भी विधेयक पर उसकी स्वीकृति होनी आवश्यक है।
जब भी विधानमंडल का अधिवेशन नहीं चल रहा होता है, तो उसे एक अध्यादेश को लागू करने की शक्ति प्राप्त है।
कार्यकारी शक्तियां
वह मुख्यमंत्री की नियुक्ति करता है और मुख्यमंत्री की सलाह पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है।
वह राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति करता है। आपातकाल में वह केन्द्र के एजेंट के रूप में कार्य करता है।
वित्तीय शक्तियां
राज्य की विधानसभा में कोई भी धन विधेयक राज्यपाल की सिफारिश के बिना पेश नहीं किया जा सकता।
विवेकाधिन शक्तियां
वह यह निर्णय करता है कि राज्य की सरकार को संविधान की व्यवस्था के अनुरूप चलाया जा सकता है या नहीं।
ऐसा नहीं पाये जाने पर वह अनुच्छेद 356(१) के अन्तर्गत राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेज सकता है।
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