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ग्राम सभा

                    ग्रामसभा
 यद्यपि यह त्रि- स्तरीय पंचायती राज प्रणाली का कोई स्तर (टीयर) नहीं है फिर भी लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को पूर्ण बनाने में इसकी निर्णायक भूमिका है।
यह एक सामान्य है, जिसके सभी मतदाता, ग्राम पंचायत के निर्यात क्षेत्र के भीतर ही निवास करते हैं।
                    ग्राम पंचायत
ग्राम पंचायत, पंचायती राज का पहला स्तर है।
ग्राम सभा के सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान करके सभी सदस्यों का चुनाव होता है।
                  पंचायती समिति
पंचायती राज में पंचायत समिति को मध्य स्तर कहा जाता है। इसे जनपद पंचायत, तालुका पंचायत और आंचल पंचायत आदि भी कहा जाता है।
 इसमें शामिल हैं--
1. पंचायतों के सरपंच (पदेन) 
2. स्थानीय सांसद, विधायक और विधानपरिषद् के सदस्य (मताधिकार सहित या मताधिकार रहित) 
3. नारी प्रतिनिधि , अनूसूचित जातियां और अनूसूचित जन-जातियां जो सहयोजित है और जिनकी सदस्यता आरक्षित हैं।
4. नगरपालिकाओं और सहकारी समितियों आदि का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति
इस निकाय का अध्यक्ष एक गैर सरकारी व्यक्ति होता है, जिसका चुनाव समिति के सदस्यों द्वारा होता है।
                
                       जिला परिषद्
पंचायती राज प्रणाली का सबसे ऊपर का स्तर जिला परिषद् द्वारा निर्मित है।
यह निचले स्तर पर ग्रामीण स्थानीय सरकारी निकायों के बीच एक कड़ी का काम करती है, जैसे- पंचायत समिति और राज्य विधानमंडल व संसद।
एक जिला परिषद् में सामान्यतः जिले की पंचायत समितियों के अध्यक्ष शामिल होते हैं, जिले से सम्बन्धित  सांसद और विधायक।
सहकारी समितियों के प्रतिनिधि।

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