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तस्वीर बदल दो दुनिया की


दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा की ओर से शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के 116 वें जन्मदिवस (23 जुलाई) के अवसर पर गोरखपुर में रुस्तमपुर ढाला से आज़ाद चौक स्थित चन्द्रशेखर आज़ाद की  प्रतिमा तक पैदल जुलूस निकालकर माल्यार्पण किया गया और क्रान्तिकारी गीत 'तस्वीर बदल दो दुनिया की' की प्रस्तुति की गयी।

सत्ताधारी, चन्द्रशेखर आज़ाद व एचएसआरए के क्रान्तिकारियों के संघर्ष की विरासत को अपने हितों के लिए हमेशा इस्तेमाल करने की कोशिश करते रहे हैं। आज सत्ता में बैठी फासीवादी सरकार शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे क्रान्तिकारियों को भगवा रंग में रंगने की हर सम्भव कोशिश करने जुटी हैं क्योंकि चन्द्रशेखर आज़ाद व एचएसआरए के क्रान्तिकारियों से आज भी सत्ताधारियों में खौफ पैदा होता है। इसलिए उनके विचारों को धूल और राख के नीचे दबाने की हर सम्भव कोशिश की जा रही है। 


चन्द्रशेखर आज़ाद और उनके संगठन का मानना था कि शिक्षा और न्याय में एक समान अवसर मिलना चाहिए। लेकिन आज के फासीवादी दौर मे शिक्षा, चिकित्सा व रोज़गार जैसे बुनियादी हक़ को खत्म करने की नीतियांँ बन रही है।

 इस समय देश में नौजवानों के सिर पर बेरोज़गारी का पहाड़ है । बेरोज़गारी का यह संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है, जितनी भी परीक्षाएंँ होती हैं उसमें धांँधली और भ्रष्टाचार व्याप्त है, परीक्षाओं के पेपर लीक होना एक सामान्य नियम बन गया है। शैक्षणिक शहरों में रोज़गार की तलाश के लिए गये युवा बेरोज़गारी से त्रस्त होकर आत्महत्या का रास्ता चुन रहे हैं।


 मेहनतकश आबादी, महंँगाई की मार झेल रही है, शिक्षा-चिकित्सा जैसी बेहद बुनियादी चीजें भी उनसे लगातार दूर होती जा रही हैं।


 आज के इस फासीवादी दौर में  में युवा पीढ़ी को चन्द्रशेखर आज़ाद जैसे क्रान्तिकारियों के जीवन और बलिदान से प्रेरणा लेकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने की राह पर चलना है।

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