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भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार क्यों बढ़ रहे है?


पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार क्यों बढ़ रहे हैं ?

सरकारी खजाना पेट्रोल-डीजल के टैक्स से वसूली पर काफी निर्भर करता है। BBC के अनुसार, डीजल-पेट्रोल की मांग लॉकडाउन के दौरान काफी कम रही, जिससे सरकारी खजाने में काफी गिरावट आ गई है।

The Economic Times के अनुसार, 24 अक्टूबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल ₹ 6230 प्रति बैरल बिका है। 1 बैरल में 159 लीटर होते है। यानी 1 लीटर कच्चा तेल ₹ 32.18 का हुआ। 24 अक्टूबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹ 107.59 प्रति लीटर और डीजल की कीमत ₹ 96.32 प्रति लीटर रही। मार्जिन कितना हुआ, खुद ही हिसाब लगा लीजिए। 

मौजूदा वक्त में पेट्रोल और डीजल के टैक्स को बढ़ाकर सरकारी खजाना भरने की कोशिश की जा रही है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने के कुछ फायदे भी हैं, इससे बेवजह इस्तेमाल होने वाले वाहनों से पेट्रोल डीजल होने वाली खपत में कमी आती है । भारत पेट्रोल-डीजल के बेवजह इस्तेमाल को बर्दाश्त नहीं कर सकता क्योंकि भारत क्रूड आयल के लिए विदेशी आयात पर निर्भर है।

पेट्रोल-डीजल के दाम भारत में कैसे तय होते हैं?

क्रूड ऑयल यानी कच्चा तेल विदेशों से आयात यानी खरीदा  जाता है फिर यहां की रिफाइनरी में जाता है। जहां क्रूड आयल से पेट्रोलियम उत्पाद यानी पेट्रोल-डीजल रिफाइन किया जाता है और यह पेट्रोल पंप को पहुंच जाता है।

डीलर तो पेट्रोल-डीजल बहुत कम कीमत पर खरीदते हैं, लेकिन इस पर 50 परसेंट से ज्यादा एक से लगाकर ग्राहकों के पास पहुंचता है जिससे इसकी कीमत दोगुने से अधिक हो जाती है।

यानी ग्राहकों को जिस कीमत पर पेट्रोल-डीजल मिलता है, उसमें क्रूड ऑयल की कीमत, रिफाइनरी की लागत, मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन, सरकार का एक्साइज ड्यूटी टैक्स और वैल्यू ऐडेड टैक्स शामिल होता है।

एक्साइज ड्यूटी या उत्पाद कर वह टैक्स है जो कंपनियां देश में बनी चीजों पर सरकार को टैक्स देते है, वही वैल्यू ऐडेड टैक्स वह टैक्स है जो कंपनियां उत्पादन के विभिन्न चरणों में सरकार को टैक्स देती है।

एक्साइज ड्यूटी या उत्पाद कर केंद्र सरकार लेती है जबकि वैल्यू ऐडेड टैक्स राज्य सरकार लेती है। दोनों ही टैक्स केंद्र और राज्य सरकारों के खजाने को भरने का बड़ा जरिया है ।

आसान लफ्जों में कहे तो डीजल-पेट्रोल के लिए ग्राहक जो कीमत चुकाता है उसमें 70 फ़ीसदी से अधिक टैक्स है।

पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से क्या महंगाई भी बढ़ेगी?

हां, बिल्कुल पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ने से महगांई बहुत तेजी से बढ़ती है। महंगाई सूचकांक पर डीजल पेट्रोल के दामों के उतार-चढ़ाव का काफी फर्क पड़ता है।

पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों का असर ग्राहकों की जेबो और अर्थव्यवस्था पर बिल्कुल पड़ेगा।

अगर आप समझ गये हैं कि भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार क्यों बढ़ रहे है? तो हमें कमेंट करके बताएं।

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